वाशिंग मशीन के बारे में जानकारी

नमस्कार दोस्तों आप इस आर्टिकल में वाशिंग मशीन के बारे में जानेगे।

जब भी हम कुछ नई वस्तु या उपकरण खरीदने के बारे में सोचते है तो उस वस्तु को खरीदने से पहले पता नहीं कितने बार सोचते है की कौन सा ब्रांड ले, कितने कीमत की ले सही कौन सी होगी, इसके अलावा न जाने कैसे-कैसे सवाल हमारे मन में आते है।

यह छोटे-छोटे सवाल सभी के मन में आते है, और जब हम इन सब के बारे में दूसरे लोगो से पता करने की कोशिश करते है तो हमे हमारे सवालों के जबाव सही तरीके से नहीं मिलते है।

इस पोस्ट में आपको वाशिंग मशीन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है ताकि आप एक सही वाशिंग मशीन खरीदने में आसानी हो।

1. वाशिन मशीन क्या है

वाशिंग मशीन घरेलू आवश्यक उपकरणों में से है जिसका इस्तेमाल कपड़े धोने के लिए किया जाता है।

वाशिंग मशीन बिजली से चलने वाला उपकरण है इसीलिए कपड़ो की धुलाई के लिए इसमें हमे हाथो से मेहनत करने की जरूरत नहीं होती है।

इस उपकरण में साबुन का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है इसमें केवल आपको डिटर्जेंट का इस्तेमाल किया जाता है, और कपड़ो से जिद्दी से जिद्दी गंदगी पूरी तरह से साफ हो जाती है।

वाशिंग मशीन ज्यादा व्यस्त रहने वाले लोगो के लिए बहुत ही सुविधाजनक होती है क्योकि इसमें कपड़े धोने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।

जब भी आप कपड़े धोते है तो आप वाशिंग मशीन के ड्रम में पानी भर के डिटर्जेंट डालना है और कपड़ो को डाल कर स्विच चालू करना है वाकी का काम मशीन स्वयं ही कर लेती है।

वाशिंग मशीन कपड़ो की धुलाई के समय आपको इंतजार करने की जरूरत नहीं होती है आप मशीन में कपड़े डाल कर अन्य काम भी कर सकते है

कपड़ो की धुलाई हो जाने पर मशीन आपको सकेंत दे देती है, इस तरह से आप एक ही समय में दो काम कर सकते है।

कपड़ो की धुलाई के साथ आप इसमें कपड़ो को सूखा भी सकते है जिससे कपड़ो को केवल 30 मिनट की जरूरत होती है इस तरह से इसका इस्तेमाल करने से समय की बचत हो जाती है।

2. वाशिन मशीन कैसे काम करती है

वाशिंग मशीन में कई तरह के स्विच लगे होते है जिनकी सहायता से इसे चलाया जाता है।

सबसे पहले कपड़े धोने के लिए ड्रम में पानी लाना पड़ता है इसमें इनलेट पाइप के द्व्रारा ड्रम में पानी भरा जाता है।

जब पानी ड्रम में नीचे भर जाता है तो सेंसर उपकरण को पता चल जाता है यह सेंसर उपकरण इनलेट पाइप को बंद कर देता है

3. वाशिंग मशीन पार्टस

वाशिंग मशीन अनेक तरह की पार्ट्स होते है

  • वाटर सलेक्टर
  • वाटर लेबल कंट्रोल
  • टाइम कंट्रोल
  • टब
  • लिड स्विच
  • मोटर पुल्ली
  • मोटर
  • ट्रांसमिशन
  • वाटर होसे वाटर पंप
  • स्पिन पुल्ली
  • वाटर फ़िल्टर
  • वाटर इनलेट वाल्वस
  • ड्रेन होसे
  • वाटर सप्लाई होसेस

4. वाशिन मशीन के प्रकार

सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन

सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन को हिंदी में अर्ध स्वचालित वाशिंग मशीन कहते है इसके नाम से ही पता चलता है आधा काम करने वाली वाशिंग मशीन है।

सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में जब मशीन में कपड़े धुलते है तो उनकी धुलाई के बाद कपड़ो को सुखाने के लिए दूसरे टब में अपने हाथ से निकाल कर डालना पड़ता है।

कपड़ो को हाथ से निकाल कर सुखाने के लिए दूसरे टब में डालने के अलावा कपड़े की धुलाई के बाद गंदा पानी भी हाथो से निकालना पड़ता है।

सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में अपने हाथो को थोड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है लेकिन जितनी मेहनत करते है तो बिजली की बचत भी होती है।

फूली ऑटोमेटिक

फूली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में कपड़े धोने से लेकर सुखाने तक का काम एक ही टब में होता है कपड़ो को धोने या सुखाने में हमारे हाथो को बिल्कुल भी मेहनत नहीं करनी पड़ती है।

फूली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में कपड़े धोने के बाद गंदा पानी निकालने के लिए एक पाइप डला होता है जो सबसे नीचे होता है इसकी सहायता से आप बहुत ही आराम से ड्रम में भरे पानी को मशीन से खाली कर सकते है।

फूली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में कार्य करते समय बिजली की अधिक खपत करती है जिससे आप इसके साथ बिजली की बचत नहीं कर सकते है।

टॉप लोड वाशिंग मशीन

टॉप लोड वाशिंग मशीन में कपड़ो की धुलाई के लिए अधिक पानी की जरूत पड़ती है क्योकि इसमें कपड़ो को भिगोने और धोने में अधिक पानी की आवश्यकता होती है।

भारत में अधिकतर लोग ठंडे पानी से कपड़े धोते है जिससे इनलेट हीटर की जरूरत नहीं पड़ती है जिससे बिजली की बचत हो जाती है कुछ लोग मशीन में ड्रायर का इस्तेमाल नहीं करते कपड़ो को सीधे धुप में सुखाते है इस प्रकार से और बिजली भी बचत हो जाती है।

फ्रेंच लोड वाशिंग मशीन

फ्रेंच लोड वाशिंग मशीन कपड़ो की सफाई करने में कम पानी का इस्तेमाल करती है लेकिन यह पानी अधिक तापमान पर गर्म करके कपड़ो की सफाई करती है।

सबसे अच्छी बात तो यह है की यह कम पानी इस्तेमाल करती है जिससे कपड़ो की धुलाई के बाद कपड़ो को सुखाने के लिए कम च्रक किये जाते है जिससे पानी जल्दी बाहर निकल जाता है और कपड़े भी जल्दी सुख जाते है जिससे मशीन कम बिजली का इस्तेमाल करती है।

5. वाशिंग मशीन में उपयोग की जाने वाली तकनीकी

इन्वेटर तकनिकी

इन्वेटर तकनिकी से वाशिंग मशीन में इस्तेमाल की जाने वाली मोटर में होने वाली छति को रोकता है।

वाशिंग मशीन में जिस मोटर की सहायता से कपड़ो की धुलाई की जाती है वह एक निश्चित भार में कपड़ो की धुलाई करता है।

जब मशीन में मोटर द्वारा जितने कपड़े एक बार में धोये जा सकते है उससे अधिक कपड़े धुलाई के लिए मशीन में डाल दिए जाते है तो इन्वेटर मोटर को ऊर्जा देता है जिससे इन्वेटर तकनिकी द्वारा दी गई ऊर्जा को कपड़ो के वजन के अनुसार अनुकूलित गति प्रदान करता है।

इन्वेटर तकनिकी का इस्तेमाल करने से कपड़ो की धुलाई बेहतर तरीके से होती है और बिजली की बचत भी होती है।

डायरेक्ट ड्राइव तकनिकी

वाशिंग मशीन में डायरेक्ट ड्राइव तकनिकी को निश्चित रूप से अधिक उपयोगी होती है क्योकि इसमें इस्तेमाल की जाने वाली मोटर के साथ गतिशील भाग जैसे गियर और बेल्ट का उपयोग नहीं होता है जिसके कारण बिजली की खपत कम होती है।

डायरेक्ट ड्राइव तकीनीकी इस्तेमाल की जाने वाली मोटर पारम्परिक मोटर की तुलना में थोड़ी भारी होती है लेकिन इसके भार से इसके कार्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है यह बेहतर तरीके से कार्य करती है साथ इसका जीवनकाल भी अधिक होता है।

6. वाशिंग मशीन को खरीदते समय किन बातो को ध्यान में रखना चाहिए

वाशिंग मशीन खरीदने से पहले हमे कुछ बातो को ध्यान में रखना पड़ता है ताकि हम अपनी आवश्यकता के अनुसार सही वाशिंग मशीन का चुनाव कर सके।

  • अच्छी वाशिंग मशीन खरीदने के लिए सबसे पहले आप वाशिंग मशीन की फंक्शनैलिटी देखे ताकि जिस वाशिंग मशीन की फंक्शनैलिटी अच्छी हो आप उस वाशिंग मशीन को खरीद सके।
  • वाशिंग मशीन में कपड़ो की धुलाई के एक ड्रम होती है आपको वो चेक करनी है की ड्रम किस मटेरियल की बनी है ड्रम प्लास्टिक या स्टेलनेश स्टील मटेरेलिया की बनी होनी चाहिए।
  • वाशिंग मशीन में कपड़े डाले जाने पर उनका लोड देखा जाता है इसीलिए आपको इसके लोडिंग ऑप्शन देख लेना चाहिए की वाशिंग मशीन कम लोड लेती है या ज्यादा लोड लेती है।
  • वाशिंग मशीन लेने से पहले कपड़े लेने की क्षमता देख ले क्योकि कुछ मशीने कम लोड लेती है तो कुछ मशीने अधिक कपड़े लेने की क्षमता रखती है।
  • वाशिंग मशीन खरीदने से पहले आप मशीन में टेम्प्रेचर कंट्रोलर करने वाला हीटर देख ले, वाशिंग मशीन में टेम्प्रेचर कंट्रोल हीटर होने से वाशिंग मशीन अपने अंदर का टेम्प्रेचर कंट्रोल करता है।

7. वाशिंग मशीन में कपड़े धोने के लिए सेट करे।

वाशिंग मशीन में कपड़े डालने के बाद हमें उसे स्वचालित रूप से कार्य करने के लिए मशीन में कुछ स्वीच चालू करने पड़ते है।

सही वॉशिंग साइकल चुनना –

सभी वाशिंग मशीन में कपड़ो की बेहतर धुलाई के लिए दो प्रकार की वाशिंग साइकल जरूर होती है जिसमे से एक से पानी के साथ कपड़ो को हिलाती रहती है कपड़े साफ होते है जब कपड़े साफ हो जाते है तो उनसे दूसरी स्पीड कपड़ो में से पानी बाहर निकालने का कार्य करती है।

नॉर्मल साइकल –

नॉर्मल साइकल चक्र आपके बहुत ज्यादा गंदे और पसीने भरे कपड़ो को साफ करने में मदद करता है कॉटन, लिनेन, डेनिम और बेडिंग जैसे कपड़ो पर लगे जिद्दी दागो को हटाने के लिए नॉर्मल साईकल वॉश बेहतर तरीके से कार्य करता है।

डेलीकेट साइकल –

डेलीकेट साइकल च्रक कपड़ो की धुलाई के समय कम हलचल करता है और कपड़ो को कटने फटने से रोकता है।

ये साईकल च्रक लेस वाले, ढीली बुनाई वाले या सीक्विन फेब्रिक से बने कपड़ो या स्पेसिफिक या स्पेशल गार्मेंट्स के लिए बेस्ट होता है।

परमानेंट या पर्म प्रैस साइकल –

परमानेंट साइकल वॉश में कपड़ो की धुलाई तेज और धीमी गति से होती है इसमें रेयॉन, निट्स, पॉलिएस्टर और एसीटेट्स के बने आइटम को धोया जाता है जिनकी सफाई के लिए तेज गति की जरूरत होती है लेकिन कपड़ो को सिकुड़ने से बचाने के लिए स्लो स्पिन की जरूरत पड़ती है।

स्पेशल साइकल –

अब जो नई वाशिंग मशीन आ रही है उनमे स्पेशल साइकल रहता है। जो आपके कपड़ो को सेनेटाइज, व्हाइट कपड़ो को सुरक्षित रखने और स्टीम करने का दावा करते है और जिद्दी दाग धब्बो को हटाने का कार्य करते है।

8. वाशिंग मशीन की देख रेख कैसे करे।

जिस तरह से हम रसोई के सामान की देखभाल करते है उसी तरह वाशिंग मशीन भी बहुत ही आवश्यक घरेलू उपकरण है जिसकी देखभाल करना बहुत ही जरूरी है।

  • सबसे पहली बात तो यह है की जब आपके कपड़े धूल कर सुख जाए या धो कर आपको धुप में सुखाना है लेकिन आपके पास समय नहीं है और आप धुले कपड़े मशीन में चार पांच घंटे या एक दिन तक रखे रहेंगे तो मशीन में फफूद लगना शुरू हो जायेगी जिससे कपड़े भी खराब हो जायेगे।
  • जब आप कपड़े धोने के लिए मशीन में डाले तो याद रहे मोती, शीशे वाले कपड़े मशीन में न डाले नहीं तो मशीन के पार्ट्स में फस जाते है जिससे मशीन खराब होने का डर रहता है।
  • जब आपके कपड़े धूल जाए और आप उन्हें मशीन से बाहर निकाल ले तो आपकी मशीन में सोप या सॉफ्टनर ड्रावर है तो उसे चेक कर ले यदि धुलाई के द्वारान वह गीला हो जाता है तो उसे निकाल कर धुप में या हवा में रख कर पूरी तरह से सूखा ले फिर मशीन में लगाए।
  • वाशिंग मशीन में कपड़े धोने के बाद जब आप कपड़े मशीन से बाहर निकाल लेते है तो आप वाशिंग मशीन का ढक्कन तुरंत ही बंद न करे, मशीन का ढक्कन खुला रहने दे ताकि मशीन अंदर से सुख जाए यदि मशीन अंदर से सूखेगी नहीं तो ड्रम के अंदर वैक्टीरिया पैदा हो सकते है।
  • वाशिंग मशीन को ऐसी जगह पर न रखे जहां पर पानी रहता हो या पानी भरता तो नहीं वाशिंग मशीन के बाहर का फाइबर जल्दी ख़राब हो जायेगा और उसके अंदर कीटाणु पैदा होने लगेंगे।
  • इन सभी के अलावा वाशिंग मशीन को महीने में एक बार पूरी तरह से जरूर साफ करे।

इस पोस्ट में आपने जाना वाशिंग मशीन क्या है वाशिंग मशीन कैसे कार्य करती है वाशिंग मशीन के पार्टस के नाम वाशिंग मशीन कितने प्रकार की होती है, वाशिंग मशीन में उपयोग की जाने वाली तकनिकी वाशिंग मशीन की देखभाल कैसे करे इन सब के बारे में आपने जाना है।

आशा है अब आप वाशिंग मशीन के बारे में समझ गए होगा।

वाशिंग मशीन दो प्रकार की होती है जिसमे माध्यम वर्ग के लोग सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन का ज्यादा उपयोग करते है क्योकि सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में पानी के साथ बिजली दोनों की ही बचत होती है।

सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन का आकार फुल्ली ऑटोमेटिक वाशिंग से बड़ा होता है। फुल्ली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन में कपड़ो को धोने या सूखने के लिए हाथ से निकाल कर दूसरे टब में डालने के जरूरत नहीं होती है यह स्वतः ही कपड़ो को धोने के बाद उसी तब में सूखा देती है।

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