इस पेज पर आप जानेगे हींग कैसे बनती है।
पिछले पेज पर सूजी बनाने की विधि शेयर की गई है उसे भी जरूर पढ़े।
तो चलिए जानते है हींग कैसे बनती है।
हींग बनाने की विधि
सबसे पहले तो मैं आपको बता दू की जिस हींग का उपयोग आप घर में करते है वह हींग किसी फल या खेती करके नहीं उगाया जाता है इसे एक पेड़ की जड़ से रस निकाल कर तैयार किया जाता है।
हींग बनाने के लिए पेड़ की जड़ से निकाल कर स्टार्च और गोद के साथ मिला कर पाउडर और ईट के रूप में हींग को तैयार किया जाता है।
हींग का पौधा सौंफ के पौधे के जैसा दिखता है इसलिए यह सौंफ कुल के पौधे की श्रेणी में आता है लेकिन इसके जड़ से रस निकाल कर हींग बनाई जाती है इसलिए कुछ लोग इसे गाजर के पौधे की श्रेणी में भी रखते है।
हींग बनाने के लिए सबसे पहले पौधे को लगाया जाता है जब पौधा चार साल या उससे ज्यादा का हो जाता है तो उसके जड़ को खोद कर निकाला जाता है।
जड़ के ऊपर लगी मिटटी को साफ किया जाता है उसके बाद जड़ से रस निकाला जाता है जो दिखने में दूध जैसा सफ़ेद होता है।
जब हींग बनाने के लिए पौधे से रस निकाला जाता है तो उसका स्वाद लहसुन के जैसा होता है।
जड़ से निकाला हुआ रस तीव्र गंध देता है, इस रस को स्टार्च और गोंद की बराबर मात्रा में मिला कर ईट और पाउडर वाली हींग को तैयार किया जाता है।
हींग के पौधे दूर से दिखने में सरसो के पौधे के जैसे होते है।
एक पेड़ की जड़ में जितना रस निकलता है उसके मुताबिक 500 ग्राम हींग तैयार की जाती है।
हींग के प्रकार
हींग को दो तरह से तैयार किया जाता है एक तो काबुली सफ़ेद हींग और एक लाल हींग, दोनों ही अलग-अलग किस्म की होती है सफेद हींग पानी में जल्दी घुल जाती है और लाल हींग तेल के साथ जल्दी घुल जाती है।
हींग को सबसे ज्यादा रसोई में मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है सफेद हींग की थोड़ी सी ही मात्रा सब्जी में डल जाने से सब्जी का स्वाद बड़ जाता है।
हींग की कीमत ज्यादा होने का सबसे बड़ा कारण यह है की इसे जिस पौधे की जड़ के रस से बनाया है वह पौधा बुआई के 4 साल बाद ही उपयोग में लाया जाता है जिससे कम मात्रा में हींग बनाई जाती है।
हींग बनाये जाने वाले पौधे की खेती भारत में न के बराबर होती है भारत में हींग ईरान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से मंगाया जाता है।
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आशा है आपको हींग बनाने की जानकारी मिल गई होगी।
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