इस पेज पर पोहा बनाने की रेसिपी शेयर की गई है, यदि आप बाजार जैसा स्वादिष्ट पोहा घर में बनाना चाहते है तो एक बार मेरी इस रेसिपी को जरूर पढ़े।
पिछले पेज पर हमने साबूदाना बनाने की विधि शेयर की है उसे भी जरूर पढ़े।
तो चलिए जानते है पोहा कैसे बनाते है।
पोहा बनाने के लिए सामग्री
- कच्चे चावल
- पानी
- तेल
- नमक स्वादानुसार
- रोलर
- एक पतीला
- एक प्लेट
- चमचा
- गैस चूल्हा
पोहा बनाने की विधि
घर में पोहा बनाने के लिए सबसे पहले आप एक पतीले में पानी और नमक डालकर गैस चूल्हे पर रख दे।
पानी में उबाल आने लगे तो चावल को दो बार धो कर पानी में डाल दे।
चावल को पानी में डालने के बाद चावल को आधा पकने तक पका ले।
जब चावल आधे पक जाए तो गैस की आंच को बंद कर दे और चावल को पानी से निकाल कर अलग रख ले।
चावल को पानी से निकालने के बाद रोलर से चपटा कर दे।
चपटा करने के बाद चावल को धूप में सूखने रख दे।
चावल सूखने के बाद पोहे बन जायेगे।
चावल को रोलर से चपटा करने से चावल के किनारे खुरदरे हो जाते है और इनकी लम्बाई 2 मिमी हो जाती है।
पोहा हल्के भूरे रंग का होता है इसमें किसी विशेष प्रकार की सुगंध नहीं होती है नरम और कोमल होते है इसे दो तरह से कुरकुरा या नरम कर सकते है।
पोहा खाने के फायदे
- पोहा पिटे हुए चावल से बना एक स्वस्थ नाश्ता है। यह आसानी से तैयार होने वाला स्वादिष्ट और अधिक मात्रा में सब्जियों की मौजूदगी के कारण बेहद पौष्टिक होता है।
2. यह आहार पेट के लिए हल्का होता है और आमतौर पर कम मात्रा में परोसा जाता है साथ ही यह एक स्वस्थ जीवन शैली को आगे बढ़ने में मदद करता है।
3. पोहे में आयरन की अत्यधिक मात्रा होने के कारण इसे हल्के आहार में रखा जाता है यह आहार पेट के लिए हल्का होता है और आमतौर पर कम मात्रा में परोसा जाता है साथ ही यह एक स्वस्थ जीवन शैली को आगे बढ़ने में मदद करता है।
4. पोहा हल्का होने के कारण शरीर द्वारा आसानी से पचाया जा सकता है। यह पोहे के स्वास्थ लाभ में से एक है।
5. आपका सुबह का नाश्ता आपके पूरे दिन एनर्जी से भरपूर रखने में सहायक होता है। पोहा ऐसा ही एक विकल्प है जो आपको दोपहर के भोजन के समय तक एनर्जी देता है।
6. आप पोहे पर भरोसा कर इसे कार्बोहाइड्रेट के लिए अपना प्राथमिक स्रोत बना सकते हैं। पिटा चावल अन्य कार्बोहाइड्रेट विकल्पों की तुलना में स्वस्थ होता है
7. पोहे में अनेक प्रकार की सब्जियों को मिलाने के कारण इसमें विटामिन और मिनरल की अधिकता पाई जाती है। आप इसे स्वादिष्ट और प्रोटीन युक्त बनाने के लिए इसमें मूंगफली और अंकुरित दालों को भी मिला सकते हैं।
8. पोहा में ग्लूटेन के कम स्तर के कारण, कम ग्लूटेन खाद्य पदार्थों का उपभोग करने वाले डॉक्टर की सलाह से इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
9. खून में शुगर के धीमी गति से बढ़ावा देने के कारण पोहा मधुमेह रोगियों के लिए भोजन का अच्छा विकल्प माना जाता है। साथ ही यह आपको लंबे समय तक पूर्ण महसूस करता है।
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