नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में आज आप दालचीनी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बाते जानेगे। जिनके बारे में आपको शायद ही पता होगा।
दालचीनी क्या है
यह सब्जी में डाले जाना वाला एक मसाला है दालचीनी को इसके पौधे की छाल के अंदर वाले भाग से छील कर निकाला जाता है।
इसका पौधा बाहर से स्पंजी होता है, इसे जिस हिस्से को छील कर बाहर निकाला जाता है उसका उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है।
दालचीनी का पौधा सदाबहार का पौधा है यह लौरेसिई परिवार का सदस्य है इस पेड़ की ऊंचाई 10 से 15 मीटर होती है।
इस पौधे की पत्ती और छाल दोनों ही हमारे उपयोग की होती है छाल का इस्तेमाल मसाले के रूप में और पत्ते से तेल निकाल कर उसके तेल का उपयोग मच्छरों को भगाने में किया जाता है।
दालचीनी के फायदे और नुकसान
दालचीनी का सेवन करने से बहुत सारे फायदे और नुकसान होते है जो लगभग सभी लोगो को पता नहीं होते है इसीलिए इस पोस्ट के माध्यम से दालचीनी खाने से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताने की कोशिश की है ताकि सभी लोग इसका सेवन निश्चित मात्रा में कर सके।
इसके सेवन से शरीर को स्वस्थ और सेहतमंद बनाया जा सकता है क्योकि इसमें औषधीय गुण पाए जाते है जो हमारी सेहत के लिए फायदे मंद होते है।
वैसे तो लगभग सभी घरो में दालचीनी का उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है जो की केवल सब्जी में खुशबू लाने के लिए किया है।
आप सभी जानते है की किसी खाद्य का इस्तेमाल यदि आप खाने में ज्यादा करते है तो आपको नुकसान कर जाते है अधिक मात्रा में सेवन करने से उल्टा असर करना शुरू हो जाता है इसीलिए यदि आप जब भी दालचीनी का इस्तेमाल खाने में करे तो उसे एक निश्चित मात्रा में ही इस्तेमाल करे ताकि आपको इससे होने वाले दुष्प्रभाव का सामना न करना पड़े।
दालचीनी के फायदे
हृदय को सही तरीके से कार्य करने में
यदि आप इसका का सेवन एक निश्चित मात्रा में करते है तो दालचीनी आपके शरीर से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने के गुण पाए जाते है
दालचीनी में औषधीय गुण के कारण ह्रदय से संबंधित रोगो को कम किया जा सकता है दालचीनी में सीरम ग्लूकोज, ट्राईगिल्सराइड और एलडीएल होता है जो हमारे ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
पेट दर्द में आराम दिलाने के साथ पाचन में सहयोग
दालचीनी के सेवन से पेट दर्द में आराम मिलने के साथ पाचन क्रियाओ को सही तरह से कार्य करने में सहायता करता है।
दालचीनी में एंटी माइक्रोबियल गुण होता है जो लिस्टेरिया और एस्चेरीचिया कोली नामक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है क्योकि यह बैक्टीरिया हमारे शरीर में जा कर पेट दर्द का कारण बनते है।
बढ़ते हुए बजन को कम करने में
हमारे शरीर में इन्सुलिन में खून ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है लेकिन कई बार कुछ कारणों की वजय से हमारा शरीर इन्सुलिन नहीं बना पाता है जिससे हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
ऐसे में यदि आप दालचीनी का इस्तेमाल करते है तो इसमें पाए जाने वाला पोलिफेनोल्स एंटी ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है जिसके कारण इन्सुलिन को संवेदनशील बनाये रखता है जिससे आपके शरीर का ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के चांस नहीं होते है।
शुगर को नियंत्रित करने में
जिन लोगो को शुगर या ब्लड शुगर की समस्या है तो उन्हें आपने रोज के खाने में दालचीनी को जरूर शामिल करना चाहिए क्योकि इसमें एंटी डायबिटिक गुण और पोलोफेनल्स सीरम ग्लूकोज पाए जाते है जो आपके शरीर के इन्सुलिन को कम करके ब्लड शुगर लेवल को कम कर देता है।
सर्दी और फ़्लू को ठीक करने के लिए
यदि आप सर्दी, खासी और हलके फ़्लू से संक्रमित है तो आपको दालचीनी का सेवन जरूर करना चाहिए यदि सर्दी और फ़्लू से प्रभावित है तो आपको दालचीनी को पीस कर ग्रीन टी में मिला कर पीने से आपको बहुत ही जल्द आराम मिलेगा, और यदि सर्दी और खासी है तो आपको थोड़े से गुनगुने शहद में दालचीनी पाउडर मिला कर रोज सोने से पहले सेवन करना चाहिए।
दालचीनी के तेल के फायदे
- दालचीनी के तेल का इस्तेमाल आप कील, मुहसो और चेहरे के दाग धब्बे हटाने में कर सकते है
- यदि आपको तनाव रहता है हमेसा मूड खराब रहता है तो आप दालचीनी के तेल को सुघ कर तनाव और मूड को ठीक कर सकते है।
- दालचीनी के तेल का उपयोग आप अनचाहे आये मोटापे को कम करने में मदद कर सकते है दालचीनी के तेल में वसा को कम करने के गुण पाए जाते है यदि आप इसके तेल का इस्तेमाल मोटापा कम करने में करेंगे तो आपको बहुत ही जल्द फायदे देखने को मिलेंगे।
- यदि आपके बाल झड़ रहे है या आपके सिर में कम बाल है तो आप दालचीनी के तेल लगाए ऐसा करने से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है जिससे बालो की लम्बाई बढ़ती है और कुछ ही दिनों में बाल झड़ने बंद हो जाते है।
- यदि किसी व्यक्ति को गठिया रोग से जोड़ो में दर्द रहता है जोड़ो के दर्द के आलावा दांत में दर्द, मसूड़ों में दर्द होने लगता है ऐसे में आपको दालचीनी के तेल को जोड़ो पर मसाज करते हुए लगाना चाहिए और रूई की सहायता से दांत के अंदर भर देना चाहिए, ऐसा करने से आपको बहुत आराम मिलेगा।
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दालचीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से होने वाले नुकसान
- यदि महिलाये दालचीनी का इस्तेमाल खाने में ज्यादा करती है तो उनका गर्भशय छोटा होने के सम्भावना रहती है जिसके कारण उन्हें बाद में बहुत दिक्कत हो सकती है।
- गर्भवर्ती महिलाओ को दालचीनी का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए क्योकि यह गर्म तासीर की होती है।
- यदि आपके घर में किसी को लिवर में दर्द रहता है तो आपको उनके खाने में दालचीनी का इस्तेमाल करने से मना करना चाहिए।
- शुगर के मरीज को दाल चीनी का सेवन डॉक्टर की सलाह ले कर करना चाहिए क्योकि इसमें ब्लड शुगर लेवल को कम करने के गुण होता है।
- इसके सेवन से कुछ लोगो को एलर्जी हो सकती है जिससे उनके चेहरे पर लाल धब्बे हो सकते है।
दालचीनी के औषधीय गुण
- दालचीनी में ऐसे औषधीय गुण पाए जाते है जिसने संक्रमण बीमारियों का उपचार किया जाता है।
- दालचीनी के तेल का उपयोग सर्दी कारण होने वाली बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है।
- इसका उपयोग मानसिक बीमारियों ठीक करने में किया जा है।
- इसका उपयोग उन घाव को ठीक करने में किया जाता है जो हवा के संपर्क में आ कर फैलते है।
- इसका सेवन करने से सफेद रक्त कणिकाओं की रोग प्रति रोधक क्षमता बढ़ाने में किया जाता है।
- टायफाइड, कैंसर, ह्रदय रोग, पेट दर्द, बवासीर कृत्रिम खुजली जैसे बीमारियों का कम करने में सहयोग करता है।
इसका इस्तेमाल रोज खाने में मसाले के साथ या किसी न किसी रूप एक निश्चित मात्रा में जरूर करना चाहिए यदि आपको इससे एलर्जी है या आप किसी रोग से प्रभावित है तो आपको इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए ताकि आपको किसी समस्या का सामना ना करना पड़े।
आशा है आपको मेरी इस पोस्ट को पढ़ने के बाद दालचीनी के फायदे और नुकसान अच्छे से समझ में आ गए होंगे।