चावल के आटे के मीठे अनरसे, उत्तर भारत की लोकप्रिय मिठाई है जिसे लोग सर्दी के मौसम में खाना पसंद करते है।
अनरसे खाने में नरम और खुसखुसे होते है अनरसे गोली बनाने में हम चावल का आटा, चीनी पाउडर, नारियल और घी को मिक्स करके बनाते है।
मीठे अनरसे बच्चो को भी बहुत पसंद होते है और घर के सभी लोगो को भी बेहद पसंद आते है अनरसे गरम-गरम खाने के साथ-साथ ठन्डे होने के बाद भी खाने में अच्छे लगते है अनरसे 10 से 15 दिन तक ख़राब नहीं होते।
चलिए अनरसे बनाने की रेसिपी जानते है।
अनरसे बनाने की सामग्री
- चावल का आटा : 1 कप
- चीनी पाउडर : 1/2 कप
- शुद्ध घी : 3 छोटे चम्मच
- दूध : 1 कप
- तिल : 1/2 कप
- काजू : 5 से 6 (टुकड़ो ने टूटे हुये )
- नारियल : 1/3 कप
- शुद्ध घी या वनस्पति घी : अनरसे तलने के लिए
अनरसे बनाने की विधि
अनरसे बनाने के लिए हम सबसे पहले चावल का आटा तैयार करेंगे चावल का आटा बनाने के लिए चावल को साफ करेंगे और एक कटोरे में चावल को डाल कर तीन बार पानी से धो ले, ताकि सारा कचरा साफ हो जाये।
अब एक छन्नी के ऊपर कपड़ा बिछा कर सारे चावल को उस कपड़े के ऊपर रख ले, ताकि सारा पानी छट कर अलग हो जाये।
कपड़े के अंदर चावल को समेट कर एक पोटली सी बना ले और सारा पानी छटा ले सारा पानी छाटने के बाद धुप में एक कपड़े को बिछा कर चावल को कपड़े पर फैला कर एक घंटे के लिए धुप में सूखा ले।
चावल को दो घंटे धुप में सूखाने के बाद मिक्सी में बारीक पीस ले जब आटा बारीक पीस जाये तो उसके बाद आटे को एक कटोरे में निकल ले आटे को थोड़ा ठंडा होने दे।
काजू को थोड़ा दरदरा पीस ले और नारियल को बारीक काट ले, आटा ठंडा होने के बाद आटे में तीन चम्मच शुद्ध घी डाले और थोड़ा मिलाये और आधा कप चीनी डाले और अब कम से कम पांच मिनट तक मिलाये पांच मिनट मिलने के बाद आटे में काजू और नारियल को मिला ले।
अब कटोरे में रखे आटे में दूध डाले दूध को एक साथ न डाले अगर एक साथ डाल दिया, तो आटा गीला हो जायेगा, इसलिए थोड़ा-थोड़ा दूध डाले और दोनों हाथो से पूरी तरह से थोड़ा कड़ा आटा गूँथ ले।
जब आटा गूँथ जाये, तो 20 मिनट के लिए आटे को एक कपड़े से ढक कर रख दे ताकि आटे का रवा फूल जाये।
20 मिनट बाद आटे को बाहर निकाल ले एक बार फिर दोनो हाथो से आटे को अच्छे से मीड ले अब आटे को चकले पर रख कर लम्बा कर ले और छोटी-छोटी लोई बना ले।
लोई को गोल-गोल करके गोली बना ले और गोलियों को एक प्लेट में रख ले गोलियों को प्लेट में रखने के बाद एक प्लेट में सफ़ेद तिल को निकाल ले और अनरसों को तिल से कोड कर ले।
अब जैसे एक अनरसे कोड किया है वैसे ही सारे अनरसे भी कोड कर ले।
जब तिल अनरसों में अच्छे से चिपक जाये तो कढ़ाई की गैस पर रख कर गैस ऑन कर के वनस्पती घी या शद्ध घी इतना डाले जितने में अनरसे अच्छे से ड़ूब रहे।
गैस की आंच को स्लो रखे क्योकि अनरसे धीमी आंच पर तलने है ताकि अनरसे का कलर लाल न हो और अंदर से भी अच्छे से सिक जाते है।
जब कढ़ाई का घी गर्म हो जाये तो गोलियों को डाल दे और चमचे से एक बार चला दे, अगर आप एक बार चमचे से चलाएंगे नहीं तो एक तरफ से उसका कलर लाल हो जायेगा।
अनरसों को धीमी आंच पर सेके ताकि इनका कलर हल्का लाल हो जाये जब अनरसों का कलर लाल हो जाये तो अनरसों को एक प्लेट में टीसू पेपर बिछा कर प्लेट में निकाल ले ताकि ऐस्ट्रा घी टीसू पेपर द्वारा सोख लिया जाये।
गरमा गर्म अनरसे तैयार है अनरसों को एक बर्नी में या एक डिब्बे में रख ले इन्हे 15 से 20 दिन तक रख सकते है।
यहां हमने चावल के आटे का यूज किया है अगर आप व्रत के लिए बनाना चाहते है तो आप इसमें राजगीर या सिंघाडे का आटा डाल सकते है।
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आप अनरसों को किसी खास मेहमान के आने पर या किसी भी त्यौहार पर भी बना सकते है आप अनरसों को मीठी खीर के साथ परोस सकते है।
अनरसे बनाने के लिए सुझाव
आप चाहे तो यह चक्की से पिसा चावल का आटा ले सकते है।
चावल का आटा गूथते समय घी जरूर डाले घी न हो तो वनस्पति घी डाल सकते है।
आप अनरसों को सेकने के लिए शुद्ध घी का उपयोग कर सकते है।
अगर आपके पास पीसी चीनी नहीं है तो जो दूध मिक्स किया है उसे सीधे न डाले चीनी को दूध में घोल ले और फिर आटे में मिक्स करे।
अनरसे सेकने के लिए गैस को तेज न करे नहीं तो अनरसे खुसखसे भी नहीं होंगे न अंदर से सिकेगे ।