इस आर्टिकल में आप मिनी कम्प्यूटर के बारे में बताया गया है ऐसे कम्प्यूटर जिसमे साधारण कम्प्यूटर के सभी फीचर्स उपलब्ध होते है लेकिन आकार में छोटे होता है।
मिनी कम्प्यूटर को मिनी के नाम से भी कहते है मतलब इसमें कई लोग एक साथ कई लोग काम कर सकते है इस कम्प्यूटर के मुख्य भाग को एक बिल्डिंग में रख दिया जाता है और इसके साथ कई टर्मिनल को जोड़ दिया जाता है। सामान्यतः एक मिनी कम्प्यूटर के साथ अलग -अलग आठ यूजर एक साथ काम कर सकते है।
मिनी कम्प्यूटर का आकार मिनी कम्प्यूटर की बराबर ही होता है, लेकिन इन कम्प्यूटर की कार्य करने की क्षमता माइक्रो कम्प्यूटर की तुलना में बहुत अधिक होती है। मिनी कम्प्यूटर का उपयोग व्यापार बैंक फैक्ट्रियों, बीमा आदि में हिसाब किताब को व्यवस्थित रूप से रखने जाता है।
मिनी कम्प्यूटर किसे कहते है
ये माध्यम आकर के सामान्य उद्देश्य वाले कम्प्यूटर होते है। इनकी संग्रहण क्षमता व कार्य करने की गति माइक्रो कम्प्यूटर की अपेक्षा अधिक होती है। इस प्रकार के कम्प्यूटर पर एक समय में एक से अधिक व्यक्ति तक कार्य कर सकते है। इस प्रकार के कम्यूटर से अन्य सहायक उपकरण जैसे प्रिंटर प्लॉटर आदि जोड़े जा सकते है।
मिनी कम्प्यूटर का इतिहास
मिनी कम्प्यूटर शब्द का विकाश 1960 के दशक में छोटे कम्प्यूटरो का वर्णन करने के लिए किया गया था जो ट्रांजिस्टर और कोर मेमोरी टेक्नॉलोजो न्यूनतम निर्देश सेट और सर्वव्यापी टेक्नालॉजी मॉडल 33 एएसआर जैसे कम खर्चीले बाह्य उपकरणों के उपयोग में संभव हो गए थे। वे आम तौर पर एक या कुछ 11 इंच रेंक कैबिनेट लेते है बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर की तुलना में जो एक कमरे को भर सकते है।
1960 के दशक की शुरुआत में चुंबकीय विलम्ब रेखा स्मृति का उपयोग करने वाले सामान मॉडल का अनुसरण किया गया हलाकि इन मशीनों को अनिवार्य रूप से छोटे मेनफ्रेम के रूप में डिजायन किया गया था। इसके विपरीत जिन मशीनों को मिनी कम्प्यूटर के रूप में जाना जाता है उन्हें अक्सर एक मानक चेसिस में फिट करने के लिए डिजायन किया गया था और जानबूझ कर ASR 33 जैसे सामान्य उपकरणों का उपयोग का उपयोग करने के लिए डिजायन किया गया था।
एक और आम अंतर यह था कि अधिकांश पहले की छोटी मशीने सामान्य उद्देश्य नहीं थी, इसमें उन्हें प्रकिया नियंत्रण या लेखांकन जैसी विशिष्ट भूमिका के लिए डिजायन किया गया था इन मशीनों पर प्रोग्रामिंग को आम तौर पर उनकी कस्टम मशीन भाषा में किया जाता था या यहां तक की प्लगबोर्ड में हार्ड कोड किया जाता है और वे फोरट्रान जैसे सामान्य प्रोग्रामिंग भाषाओ को नहीं चला सकते थे। यह मिनी श्रेणी से पीडीपी 5 जैसी मशीन को समाप्त करता है ; यह शक्ति और आकार के सन्दर्भ में मिनी की अधिकांश अन्य परिभाषाओ को पूरा करता है लेकिन इसे प्रयोगशालाओ में एक उपकरण प्रणाली के रूप में उपयोग करने के लिए डिजाइन और निर्मित किया गया था न कि एक सामान्य उद्देश्य वाले कम्प्यूटर के रूप।
सीडीपी 160, 1960 के लगभग, कभी-कभी, एक मिनी कम्प्यूटर का एक प्रारंभिक के रूप में किया ओर इशारा कर रहा है के रूप में यह छोटा सा ट्रांजिसटर और सस्ता था। हालाकि इसकी मूल कीमत $100000और कस्टम डेस्क जैसी चेसिस इसे छोटे सिस्टम या मिडरेंज कम्प्यूटर श्रेणी में रखती है जो की मिनी कम्प्यूटर शब्द के अधिक आधुनिक उपयोग में विपरीत है फिर भी यह प्रथम मिनी कम्प्युटर शब्द के मजबूत दावेदार है।
मिनी कम्प्यूटर का आकर
मिनी कम्प्यूटर का आकार 12 इंच से लेकर चौड़ाई 7 इंच से कम हो सकती है। यह छोटे आकार विशेष रूप से छात्रों के लिए आकर्षक है क्योकि वे इसे कही भी उपयोग कर सकते है।
मिनी कॉम्प्यूटर शब्द 1960 दशक में पता चला था और उस समय के माध्यम से केवल छोटे कम्प्यूटर ट्रांजिस्टर और कोर मेमोरी तकनीकों का उपयोग करके बनाए जाते है।
पहला मिनी कम्यूटर को विकसित किया गया था। उसे डिजिटल उपकरण निगम के रूप में जाना जाता था। जिसे ट्रांजिस्टर का उपयोग करके बनाया गया था, और इसकी लागत यूएस $16000 थी
मिनी कम्प्यूटर के प्रकार
मिनी कम्प्यूटर निम्न प्रकार के होते है जिन्हे आप नीचे विस्तरित रूप से समझेंगे।
- डेस्कटॉप कम्प्यूटर
- लैपटॉप कम्प्यूटर
- पामटॉप कम्प्यूटर
- स्मार्टफोन
- टेबलेट पीसी
- नेटबुक
- डेस्कटॉप कम्प्यूटर – डेस्कटॉप कम्प्यूटर एक पर्शनल कम्प्यूटर होता है जो की पूरी तरह से फिट हो जाता है आपके डेस्क के ऊपर या उसके नीच इसमें बहुत सारे कम्प्यूटर होते है जैसे की एक मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस और CPU इत्यादि।
डेस्कटॉप कम्प्यूटर को एक जगह में स्थिर होने के लिए बनाया गया है इसमें बाकि प्रोटेबल कम्प्यूटर की तरह batteries नहीं होते है बल्कि इन्हे constantly एक power source के साथ connected रखना होता है।
सबसे पहले डेस्कटॉप कम्प्यूटर था जिस की सन 1968 में इंट्रोडसे किया गया उसके बाद करीब लाखों वेरायटीज के डेस्कटॉप कम्प्यूटर्स को रिलीज़ किया गया और पूरी दुनियाभर में इस्तेमाल किया गया।
2. लैपटॉप कम्प्यूटर – लेपटॉप एक प्रकार का कम्प्यूटर है जिसे हम नोटबुक कम्प्यूटर भी कहते है यह के बैटरी या AC-powered personal कम्प्यूटर होता है इसे अपने साथ लाने ले जाने आसान होता है आसानी से गोद में रख चलाया जा सकता है।
कम्प्यूटर को आप अपनी सुविधा अनुसार किसी भी वक्त चलते फिरते प्रयोग कर सकते है पर्सनल कम्प्यूटर के मुकाबले लैपटॉप हलके और छोटे होते है, परन्तु इसमें एक पर्सनल कम्प्यूटर की तरह कार्य करने की क्षमता होती है।
3. पामटॉप कम्प्यूटर – यह कम्प्यूटर हमारी हथेली में आसानी से समा जाता है इसलिए इसे पाम कम्प्यूटर कहा जाता है, पामटॉप कम्प्यूटर को हैंड हेल्ड कम्प्यूटर या PDA या पॉकेट कम्प्यूटर भी कहा जाता है।
पाम कम्प्यूटर फोन बुक और कैलेंडर जैसे कार्य हेतु अत्यंत लाभकारी हो सकता है इसमें की बोर्ड की जगह पेन का भी प्रयोग किया सकता है। जिसके हेतु इनमे हस्तलेख पहचान टेक्नालॉर प्रयोग कर सकते है PDA एक हेंड हेल्ड डिवाइस है जो निम्न चार तकनीकों को समाहित करता है।
4. स्मार्टफोन – स्मार्टफोन आज के समय में बहुत ही आम है, लोगो द्वारा इन्हे बहुत पसंद किया जाता है। स्मार्टफोन का उपयोग मुख्य रूप से गेम खेलने, वीडियो देखने और अन्य तकनिकी कामो के लिए किया जाता है।
आजकल स्मार्ट फोन अब्द्रोइड ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा संचालित किए जाते है लेकिन स्मार्टफोन में उपयोग किए जाने वाले अन्य ओपरेटिंग सिस्टम भी है जैसे माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोग किये जाने वाले विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम और एप्पल द्वारा उपयोग किए जाने वाले IOS ऑपरेटिंग सिस्टम इत्यादि।
4. टेबलेट पीसी – टेबलेट भी एक प्रकार का मिनी पीसी है जिसका उपयोग मनोरंजन कलात्मक और कम्प्यूटर के अन्य कार्य के उद्देश्य के लिए किया जाता है।
आजकल टेबलेट अत्यंत उपयोगी और किफायती हो गए है इसलिए व्यवसाय क्षेत्र में इसका उपयोग काफी बड़ गया है आमतौर पर टेबलेट का आकार 7 से 9 इंच होता है।
5. IPad – IPad एप्पल एक द्वारा दिया गया एक टेबलेट पीसी है इसका उपयोग गेमिंग मनोरंजन और अन्य कम्प्यूटर कार्यों के लिए किया जाता है। यह एप्पल के IOS और IPadOS ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा संचालित किया जाता है।
यह बहुत अच्छे प्रदर्शन और ग्राफिक्स के साथ साथ मल्टीटास्किंग का कार्य भी करती है छात्रों के बीच IPad एक ट्रेंडी गैजेट है।
मिनी कम्प्यूटर का उपयोग
मिनी कम्प्यूटर का उपयोग निम्न प्रकार से किया जाता है।
- इनका उपयोग लोकल एरिया नेटवर्क में सर्वर बनाने लिए भी किया जाता है।
- इनका प्रयोग यात्री आरक्षण प्रणाली में किया जाता है।
- बैंक में बैंकिग कार्यों व बीमा कम्पनियो में इनका प्रयोग किया जाता है।
- वेतन ब्यौरा, वित्तीय खातों के रख रखाओ विक्री विश्लेषण, उत्पादन प्लान, व लागत विश्लेषण के लिए इनका प्रयोग किया जाता है।
- इसका उपयोग डेटाबेस मैनेजमेंट और फाइल हैंडलिंग जैसे कार्यों के लिए भी किया जाता है।
- मिनी कम्प्यूटर का उपयोग हम अपने रोज की जिंदगी में भी कर सकते हैं जैसे वीडियो बनाना, गेम खेलना इत्यादि।
- इसमें ऑडियो और वीडियो कनेक्शन भी होता है। आप इसे मल्टीमीडिया सर्वर के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके उपयोग से हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी कर सकते हैं।
मिनी कम्प्यूटर की विशेषताएँ
मिनी कम्प्यूटर की विशेषताए
- मिनी कम्प्यूटर की संग्रहण क्षमता व गति दोनों माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होती है।
- मिनी कम्प्यूटर में एक से जाता CPU होते है।
- इन कम्प्यूटर में मल्टी यूजर को सपोर्ट करते है जिससे इसमें कई उपयोग करता एक समय में ही कार्य कर सकते है।
- मिनी कम्प्यूटर की कीमत माइक्रो कम्प्यूटर से ज्यादा और मेनफ्रेम कम्प्यूटर से कम होती है।
- मिनी कम्प्यूटर की गति 10 से 30 MIPS होती है।
- 80386 सुपर चिप का प्रयोग करके इसे सुपर मिनी कम्प्यूटर में बदला जा सकता है।
मिनी कम्प्यूटर के उदाहरण
HP 9000, RISC 6000, AS 400, Apple Mac mini आदि।
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