गाजर क्या है, इसके गुण, खेती और लाभ

इस आर्टिकल में आप गाजर की समस्त जानकारी जैसे गाजर क्या है, गाजर को इंग्लिश में क्या कहते है, गाजर के औषधीय गुण और इसको खाने से होने लाभ आदि को पढ़ेगे

गाजर क्या है

गाजर एक तरह की जड़ है जिसे सब्जी बनाने के साथ हलवा, पाक मुरब्बा और अचार बनाने में उपयोग किया जाता है।

गाजर का स्वाद मीठा होता है इसलिए सभी कच्चा खाना भी बहुत पसंद करते है यह पीली, लाल और काली तीन रंग की होती है जिसमे लाल रंग की गाजर सबसे ज्यादा पसंद की आती है।

गाजर में कई तरह के पौषक तत्व पाए जाते है जो हमारे शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करते है इसे खाने से आँखों की रोशनी तेज होती है बवासीर, एसिडिटी, पित और प्याज के कारण होने वाली जलन के दर्द को राहत दिलाता है।

गाजर का वैज्ञानिक नाम डॉकस कैरोटा है हिंदी, उर्दू, गुजराती, पंजाबी, नेपाल और तुख्म में गाजर को गाजर के नाम से जाना जाता है लेकिन कनाड़ा में गज्जटी, तमिल में गजरकीलंगू, तेलगु में गज्जारागेड्डा, बंगाली में गाजरा, मराठी में गाजरा,मलायलम में करफ्फू, अरबी में बजरुल और जाजर और प्रशांत में जर्दक के नाम से जाना जाता है।

गाजर के गुण

  • गाजर में विटामिन A पाया जाता है जो आँखों की रोशनी को बढ़ाता है और आँख से संबंधित जो भी समस्या होती है उसे ठीक करने में मदद करती है।
  • इसमें विटामिन B होता है जो मुँह से आने वाली बदबू को दूर करता है पाचन क्रिया को सही तरीके से कार्य करने में मदद करती है।
  • गाजर का सेवन करने से रक्त साफ होता है जिससे अनेक तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है।
  • गाजर में कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है गाजर का जूस पीना या कच्ची गाजर खाने से शरीर में अनेक पोषक तत्व की पूर्ति होती है।
  • गाजर में शरीर से गंदे पदार्थ बाहर निकाले का बहुत ही खास गुण होता है।
  • गाजर का रस शरीर में टॉनिक की तरह भी काम करती है इसके सेवन से रक्त का निर्माण बहुत ही तेजी से होता है और रक्त चाप जैसी समस्या भी नहीं होती है क्योकि इसमें विटामिन E भी भरपूर मात्रा में रहता है।
  • यदि छोटे बच्चो को दूध आसानी से नहीं पचता है तो उन्हें गाजर का रस पिलाने से पाचन क्रिया आराम से और सही तरीके से कार्य करने लगती है जिसे उन्हें दूध पचाने में आसानी होती है साथ जब दांत निकले है तो बच्चो को बहुत ही तकलीफ का सामना करना पड़ता है ऐसे में यदि उन्हें गाजर का रस पिलाया जाए तो दांत बहुत ही आसानी से निकल आते है।
  • गाजर से स्क्रब करने से त्वचा का रंग और चमक बड़ाई जा सकती है।

गाजर की खेती

गाजर को खेत में उगाया जाता है इसे पूरी तरह से तैयार होने में 100 दिन का समय लगता है इसे लगाने का सही समय अगस्त सितम्बर और अक्टूबर में रहता है।

जिस खेत में गाजर की खेती करनी है उस जगह में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए तभी गाजर का आकार बड़ा होगा।

गाजर की बुआई करने से पहले खेत की मिटटी को अच्छी तरह से भुरभुरी कर ले डिगले नहीं होने चाहिए नहीं तो गाजर के पेड़ की जड़े अच्छी तरह से नहीं फैलेगी।

गाजर की बुआई करने के लिए खेत की मिट्टी को पूरी तरह से भुरभुरी करने के लिए दो तीन बार जोतना चाहिए।

बीज को बोन के बाद मिटटी में नमी बनी रहनी चाहिए ताकि बीज को अंकुरण करने में आसानी हो, जब बीज अंकुरित हो जाए तो उसके 15 दिन बाद तक पौधे की सिचाई करनी चाहिए उसके बाद प्रत्येक 12 या 14 दिन के अंतराल पर सिचाई जरूर करनी चाहिए।

जब गाजर के पौधों के साथ अनेक तरह की खरपतवार उग आते है ऐसे में जब आप गाजर की अच्छी उपज के लिए खाद डालते है तो उस खाद का आधे से ज्यादा हिस्सा खरपतवार द्व्रारा अवशोषित कर लिया जाता है जिससे खरपतवार जल्दी बड़ी हो जाती है और फसल को भारी नुकसान पहुँचती है।

खेत से खरपतवार हटाने के बाद गाजर के पौधे के अच्छे से निदाई और गुड़ाई मतलब अनावश्यक खरपतवार हटाने के बाद पौधे के चारो और मिटटी ऊपर की चढ़ा देती चाहिए ताकि गाजर की जड़ बाहर न निकले।

गाजर के बीज को अंकुरण करने के लिए 7 से 23 ड्रिग्री तापमान की आवश्यकता होती है और इसके पौधे को बृद्धि करने के लिए 17 से 23 ड्रिग्री तापमान की आवश्यकता होती है यदि इससे अधिक तापमान वाले क्षेत्र में गाजर की खेती करेंगे तो गाजर छोटो और मोटी होगी।

गाजर के बीज की बुआई करने के 100 दिन बाद में गाजर पूरी तरह से तैयार हो जाती है इसलिए आप इसकी खुदाई 90 से 100 दिन में कर सकते है।

गाजर खाने के फायदे

गाजर खाने से निम्नलिख्ति लाभ होते है

1. आँखों के लिए

गाजर में बीटा कैरोटीन नामक एक आर्गनिक तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो बढ़ती उम्र के कारण आँखों की समस्याओ में आराम दिलाने में मदद करता है।

गाजर में बिटामिन सी पाया जाता है जो बढ़ती उम्र के कारण मैक्यूलर डीजेनरेशन होने की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।

गाजर में पाए जाने वाला कैरोटीन नामक आर्गनिक तत्व पाया जाता है बढ़ती उम्र के साथ रात में कम दिखने वाली समस्या को ठीक करने में मदद कर सकता है।

2. ह्रदय के लिए

गाजर में पाए जाने वाले तत्व शरीर में जाने के बाद एंटीऑक्सीडेंट का प्रभाव बड़ा देती है जिससे लिपिड पेरोक्सिडेशन कम हो सकता है, जिससे ह्रदय से संबंधित रोगो को ठीक करने में मदद करता है

गाजर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने के गुण पाए जाते है जिससे ह्रदय से जुड़े रोगो के जोखिम कम हो जाते है।

3. मुँह के लिए

गाजर में विटामिन A नामक तत्व पाया जाता है जो मुँह में होने वाले रोगो को ठीक करने में मदद करता है, इसके सेवन से मसूड़ों से निकलने वाला खून बंद किया जा सकता है और दांतो को चमकदार बनाया जा सकता है।

4. कैंसर के लिए

गाजर के सेवन से कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है इसमें पॉली-एसिटिलीन व फालकैरिनोल नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोने में मदद कर सकता है, लेकिन कैंसर को पूरी तरह ठीक नहीं कर सकता है।

5. पाचन के लिए

पाचन को सही तरह से कार्य करने के लिए उच्च फाइबर की जरूरत होती है इसीलिए गाजर में पाचन क्रिया को सही तरीके से पाचन करने में मदद कर सकती है क्योकि इसमें अन्य तत्वों के साथ फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।

गाजर खाने से पेट को हमेशा स्वस्थ रखा जा सकता है इसीलिए रोज के खाने में गाजर जरूर खाना चाहिए है।

6. हड्डियों को लिए

हड्डियों को मजबूत बनाये रखने के लिए आपके रोज के खाने में निर्भर करता है आप किस तरह का खाद्य का सेवन कर रहे है उसमे कौन सा तत्व कितनी मात्रा में पाया है।

हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए अन्य तत्वों के साथ कैल्शियम की भी जरूरत होती है इसीलिए कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए गाजर का सेवन कर सकते है क्योकि गाजर में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।

7. रक्तचाप के लिए

रक्तचाप को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है क्योकि रक्तचाप के कारण ही हार्ट अटैक का मुख्य कारण होता है।

रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए नाइट्रेट और पोटेसियम की जरूरत होती है क्योकि नाइट्रेट रक्त वाहनियों को चौड़ा करती है जिससे रक्त को धमनियों में एक समान बहने में आसानी होती है जिससे उच्च रक्त चाप कम हो जाता है और ह्रदय से होने वाले रोग की संभावना कम हो जाती है।

पोटेशियम में भी रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ उच्च रक्तचाप का कम करने के गुण पाए जाते है।

8. वजन कम करने के लिए

जब भी किसी को डॉक्टर के द्व्रारा वजन कम करने की सलाह दी जाती है तो वह वजन कम करने के लिए कच्ची सब्जियों को खाने के सलाह देते है।

कच्ची सब्जियों में फाइबर अधिक मात्रा में होता है जिसको खाना को पचाने में समय लगाता है जिससे अधिक देर तक पेट भरा रहने का अहसास होता है और अधिक समय तक भूख नहीं लगती है।

जिस तरह से सब्जियों में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है उसी तरह गाजर भी एक प्रकार की सब्जी ही है इसमें भी फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है इसलिए आप इसे वजन कम करने के लिए अपने रोज के खाने में शामिल कर सकते है।

9. त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए

जैसे की मैंने पहले ही बताया है की गाजर में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते है ये तत्व न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखते है वल्कि ये हमारी त्वचा को मुलायम और स्वस्थ बनाने में मदद करते है।

गाजर का कच्चा सेवन करने से या जूस पीने से बहुत फायदे होते है हमारे शरीर को अंदर से ऊर्जा मिलती है और बाहर की त्वचा को युवी किरणों से होने वाले क्षति को रोकता है।

10. शरीर के हर हिस्से के सफाई के लिए

गाजर में ग्लूटेथिओन नामक एक एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड पाया जाता है जो शरीर के प्रत्येक भाग को अच्छी तरह से डिटॉक्स करता है।

क्रोमियम नामक एक कम्पाउंट होता है जो प्रदूषण के कारण शरीर में जा सकता है शरीर में जाने के बाद यह धीरे धीरे जहर की तरह काम करना शुरू करता है, इस विषाक्त को शरीर से हटाने के लिए कच्ची सब्जी और फल खाने की सलाह दी जाती है क्रोमियम कम्पाउंट को शरीर से हटाने के लिए आप अन्य कच्ची सब्जियों के साथ गाजर का भी सेवन कर सकते है।

11. बालो के लिए

गाजर में प्रोटीन, विटामिन C ,आयरन के अलावा ऐसे बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते है जो बालो को स्वस्थ बनाने में मदद करते है।

बालो को लम्बा काला बनाये रखने के लिए गाजर को कच्चा, जूस बना कर या उबाल कर किसी भी तरह से रोज के खाने में जरूर शामिल करे।

12. गर्भावस्था में गाजर के फायदे

गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए गाजर का सेवन जरूर करना चाहिए क्योकि इसमें अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है जो बहुत सी तकलीफो को कम किया जा सकता है।

गाजर में फोलेट नामक तत्व पाया जाता है गाजर का सेवन गर्भवती महिला कर रही है तो उसमे गर्भ में पल रहे बच्चे को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट होनी की शंका कम हो जाती है।

यदि किसी बच्चे में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट हो जाता है तो ऐसे में बच्चे की रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क पूरी तरह से या ठीक तरह से विकशित नहीं हो पाता है।

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यदि आप गाजर को घर के बगीचे में लगाना चाहते है तो लगा सकते है लेकिन इसे लगाने के लिए जमीन की जरूरत है इसे गमले में नहीं लगाया जा सकता है।

गाजर से कई तरह के व्यंजन बनाये जाते है जैसे गाजर का हलवा, सुप, सब्जी,सलाद, मिठाई आदि।

गाजर में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की बृद्धि के लिए आवश्यक होते है इसलिए गाजर को रोज के खाने में जरूर शामिल करे।

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