यह रक्त में शक्कर की मात्रा को कम करता है तथा इन्सुलिन के यूज़ को नियंत्रित करता है। इसमें पाए जाने वाले कई तत्व इन्सुलिन की तरह काम करते हैं।
करेले में एंटी बेक्टिरियल और एंटी वाइरल तत्व पाए जाते हैं जो कई प्रकार के संक्रमण से बचाते हैं। यह पेट में होने वाले अल्सर से बचाता है। यह अल्सर पैदा करने वाले बेक्टिरिया को रोकता है।
करेला पेट और आँतों की परेशानी दूर करता है । इसके विशेष तत्व लीवर को मजबूत बनाते हैं तथा लीवर की कार्यविधि को सुधारते हैं।
करेले में कैंसर को फैलने से रोकने वाले तत्व पाए गए है। दवा के साथ करेले के सत्व का उपयोग अधिक लाभदायक हो सकता है। यह कैंसरग्रस्त गांठ को बढ़ने से रोक सकता है।
करेले का उपयोग शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकाल देता है। यह रक्त का संचार बढ़ाता है तथा प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है जिसके कारण सर्दी , जुकाम , फ्लू आदि के असर को दूर कर सकता है।
करेले में त्वचा की परेशानी जैसे एक्जिमा , सोराइसिस आदि बीमारियों को मिटाने वाले तत्व होते हैं। इसकी एंटीबक्टिरियल गुण के कारण यह स्किन के ऊपर लगाने पर भी लाभ देता है।
यह मेटाबोलिज्म को सुधरता है तथा रक्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है।
शराब ज्यादा पीने से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए Karele ka juice पीने से फायदा होता है।
करेले का सीमित मात्रा में उपयोग माहवारी नियमित करता है।
पीलिया और गुर्दे की पथरी ठीक करता है। पीलिया रोग में करेले का रस चौथाई कप रोजाना पीने से पीलिया में लाभ होता है।
अर्थराइटिस में आराम दिलाता है। सरसों के तेल में करेले का रस मिलाकर मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से वजन कम होता है।
करेले के रस से कुल्ले करने से मुँह के छाले मिटते हैं।
घमोरियां मिटाने के लिए चौथाई कप करेले के रस में एक चम्मच मीठा सोडा मिलाकर दिन में 2 -3 बार घमोरियों पर लगाने से बहुत लाभ होता है।