शादी समय वधु द्वारा ली जाने वाली प्रतिज्ञायें

1. अपने जीवन को पति के जीवन से जोड़कर एक नये जीवन की सृष्टि करूँगी। इस प्रकार घर में हमेशा सच्चे अर्थों में अर्द्धांगिनी बनकर रहूँगी।

1. पति के परिवार के सदस्यों को एक ही शरीर के अंग मानकर सभी के साथ शिष्ट और मधुर व्यवहार करुँगी तथा उदारतापूवर्क सेवा करूँगी।

1. आलस्य छोड़कर घर के काम पूरी मेहनत से करूँगी। इस प्रकार पति की प्रगति और जीवन विकास में समुचित योगदान करूँगी।

1. पतिव्रत धर्म का पालन करूँगी, पति के प्रति श्रद्धा-भाव बनाये रखकर सदैव उनके अनूकूल रहूँगी। छल कपट और दुर्व्यवहार नहीं करूँगी, पति द्वारा दिए गए निदेर्श का पालन करूँगी।

1. सेवा, स्वच्छता तथा मधुरवाणी का ध्यान रखूँगी । ईर्ष्या, जलन या कुढ़न आदि दोषों से बच कर रहूंगी और सदा प्रसन्नता देने की कोशिश करुँगी ।

1. मितव्ययी ( जरुरत के अनुसार कम से कम खर्च करना ) बनकर फिजूलखर्ची से बचूँगी। पति के असमर्थ हो जाने पर भी गृहस्थ जीवन के अनुशासन का पालन करूँगी।

1. नारी के लिए पति, देव स्वरूप होता है- यह मानकर मतभेद भुलाकर, सेवा करते हुए जीवन भर सक्रिय रहूँगी, कभी भी पति का अपमान नहीं करूँगी।

1. जो पति के लिए पूजनीय और श्रद्धा के पात्र हैं , उनकी सेवा करके तथा प्रेमभाव बनाये रखकर हमेशा सन्तुष्ट रखूँगी।

1. परिवार के सदस्यों में अच्छे संस्कार विकसित करुँगी और उन्हें सम्बन्ध सुदृढ़ बनाये रखना सिखाऊंगी।