पैदल चलने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है। बॉडी शेप में आती है। यदि नीचे के हिस्से यानि जाँघो और कूल्हों को शेप में लाना है तो नियमित वाकिंग से अच्छा कुछ नहीं है। आधा घंटे की तेज चाल से लगभग 200 कैलोरी जल जाती है।
पहले कभी कोई एक्सरसाइज नहीं की है तो वाकिंग से शुरू करें। यह दर्द रहित वजन कम करने का अच्छा साधन हो सकता है। पर इससे बहुत अधिक वजन कम होने की आशा ना करें।
चलने से करने से शरीर की लगभग सभी मांसपेशी काम आती है और सभी की एक्सरसाइज हो जाती है। इससे उन्हें ताकत मिलती है। शुरुआत में वाक करने से एक दो दिन थोड़ा दर्द हो सकता है।
पैदल चलना हृदय के लिए बहुत लाभदायक है। यदि रक्त में कोलेस्ट्रॉल अधिक हो तो ब्रिस्क वाक यानि तेज चाल से चलने से कम हो जाता है। इससे हृदय की मांसपेशियों की कसरत हो जाती है और हृदय मजबूत होता है।
मेनोपॉज के बाद पैदल घूमने वाली महिलाओँ में ब्लड प्रेशर अपेक्षाकृत कम पाया ,आधा घंटा रोजाना चलने वाली महिलाओं में हृदय रोग में कमी पाई गई। पैदल चलना स्वस्थ रहने का सबसे आसान और अच्छा तरीका है।
अधिकतर जोड़ में मौजूद कार्टिलेज में सीधे तौर पर रक्त की सप्लाई नहीं होती है। उनको जोड़ों के बीच मौजूद द्रव से पोषण मिलता है। पैदल चलने से इस द्रव में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है।
वॉक करने से रीढ़ की हड्डी के प्रत्येक अंग को फायदा मिलता है। पीठ को पोषक तत्व मिलते हैं और विषैले तत्व निकल जाते हैं। यह पीठ की जकड़न कम करता है। इसके साथ कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करने से गतिशीलता बढ़ती है। वाक करने से हड्डी मजबूत बनती है।
पैदल चलने से मन को ख़ुशी मिलती है क्योंकि इससे एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव होता है। यह नर्वस सिस्टम पर अच्छा प्रभाव डालता है और इससे गुस्सा और क्रोध कम होता है।
मॉर्निंग वाक आपको प्राकृतिक रौशनी में ले जाता है। जिससे आपको विटामिन D प्राप्त होता है। यह भी मन अच्छा होने का कारण बनता है। कभी भी मन ख़राब हो तो आधा घंटे की वॉक कर लें , मन अच्छा हो जायेगा।
पैदल चलने से साँस की गति बढ़ती है। इससे फेफड़ों में अधिक ऑक्सीजन का प्रवाह होता है। रक्त को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है। इससे ऊर्जा का स्तर सुधरता है और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
अच्छी नींद के लिए कई प्रकार की जरुरत वाक करने से पूरी हो सकती है। जैसे पेट हल्का रहना , मानसिक तनाव कम होना , हल्की एक्सरसाइज होना । गार्डन में मॉर्निंग वाक करने के बाद थोड़ा प्राणायाम भी किया जा सकता है। इस तरह नियमित प्राणायाम हो जाता है और प्राणायाम करने से भी अच्छी नींद आती है।
उम्र बढ़ने पर याददाश्त में कमी होने लगती है। नियमित पैदल चलने वाले लोगों में ऐसा होने की संभावना कम होती है। अर्थात वाक करने से स्मरण शक्ति अच्छी बनी रहने में मदद मिलती है। इससे अल्जाइमर जैसी बीमारी होने की संभावना कम हो जाती है।