महालक्ष्मी व्रत के दौरान शाकाहारी भोजन करें।
पान के पत्तों से सजे कलश में पानी भरकर मंदिर में रखें। कलश के ऊपर नारियल रखें।
कलश के चारों तरफ लाल धागा बांधे और कलश को लाल कपड़े से अच्छी तरह से सजाएं।
कलश पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। स्वास्तिक बनाने से जीवन में पवित्रता और समृद्धि आती है।
कलश में चावल और सिक्के डालें। इसके बाद इस कलश को महालक्ष्मी के पूजास्थल पर रखें।
कलश के पास हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित करें।
मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर में बना कर उसे स्वर्णाभूषणों से सजाएं।
मिट्टी का हाथी बाजार से लाकर या घर में बना कर उसे स्वर्णाभूषणों से सजाएं।
नया खरीदा सोना, हाथी पर रखने से पूजा का विशेष लाभ मिलता है।
माता लक्ष्मी की मूर्ति के सामने श्रीयंत्र भी रखें। कमल के फूल से पूजन करें।
-सोने-चांदी के सिक्के, मिठाई व फल भी रखें।
इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की इन मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें।
इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की इन मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें।