ललम्पी रोग एक संक्रामक रोग है जो मुख्य रूप से गाय में देखने को मिला है
लम्पी स्किन डिजीज का कारण बनने वाले वायरस का नाम कैपरीपॉक्सवायरस है, जो पॉक्सविरिडे वायरस परिवार से है।
यह बीमारी भी खून चूसने वाले कीटों से फैलती है जैसे मच्छर, टिक्स व कुछ प्रकार की मक्खियां आदि।
दूषित पानी व भोजन के माध्यम से भी एक से दूसरे जानवरों में फैल सकता है।
इस बीमारी में जानवर की त्वचा पर गांठ बनने लगती है और उसे बुखार आने लगता है, गंभीर मामलों में इससे संक्रमित जानवर की मृत्यु भी हो सकती है।
भारत में लम्पी स्किन डिजीज का पहला मामला 23 अप्रैल को गुजरात के कच्छ इलाके में देखा गया था।
राजस्थान इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है, जिसमें रोजाना 600 से 700 मौत हो रही हैं। वहीं दूसरे प्रदेशों में रोजाना की मौतों का आंकड़ा 100 से नीचे का है।
सरकार ने लम्पी स्किन डिजीज से निपटने के लिए गॉट पॉक्स वैक्सीन देना शुरू किया, जिसे अभी तक ज्यादा प्रभावित हिस्सों में ही दिया जा रहा है।
भारत में लम्पी स्किन डिजीज का पहला मामला 23 अप्रैल को गुजरात के कच्छ इलाके में देखा गया था।
इसके बाद यह बीमारी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और जम्मू कश्मीर तक फैल गया।
सरकार गॉट पॉक्स वैक्सीन को 100 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा कर रही है और प्रभावित हिस्सों में 1.5 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।
भारत ने लम्पी स्किन डिजीज से निपटने के लिए Lumpi-PLroVacInd नामक की एक स्वदेशी वैक्सीन भी बनाई है, है और जिसे दो कंपनियां मिलकर बना रही हैं।