खाने की तारीफ कैसे करे?

अन्न का कभी तुम अपमान न करना, जरूरत मंद को जरूर दान करना.

लोगो को अपनी अमीरी कुछ इस तरह दिखाता हूँ, कोई दिख जाएँ भूखा तो उसे भर पेट भोजन खिलाता हूँ.

शुभ कार्यों में भोजन उतना ही बनाएं, कि फेकने की नौबत न आएं, भोजन अधिक हो जाएं, तो गरीबों में बाँट आएं.

दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें घर का खाना पसंद नहीं, शायद उन्हें पता नहीं है कि कुछ लोगो के नसीब में यह भी नहीं है.

आज मेहरबाँ हुआ रब तो यह जाना, कितना हसीन होता है पेट भर खाना।

दाल चावल में जो स्वाद हे माँ के हाथो से जो बने वो दुनिया की महंगी से महंगी डिस में कहा।

क्या मजा है प्यार मोहब्बत करके रोने में, असली मजा तो है खाने-पीने और सोने में.

जिंदगी के गम को भुला देते हे कुछ इस तरह दोस्तों के साथ बैठकर भोजन करते हे।

घर का बना सादा भोजन स्वस्थ्य और मजबूत बनाता है, बाहर को स्वादिष्ट भोजन शरीर को बीमार और कमजोर बनाता है.

जब कोई मनाने वाला हो रूठना तभी चाहिए घूमने तभी चाहिए जब कोई भोजन करवाने वाला हो।

बर्गर खाया, पिज़्ज़ा खाया और खाया खूब पैटीज, मगर आज भी माँ के हाथों का बना लगे मुझे बड़ा अजीज।