कृष्ण जन्माष्टमी व्रत पूजा करे, 10 जरुरी बाते

उपवास वाली रात्री में हल्का भोजन करे और ब्रह्मचर्य का पालन करे। 

प्रातः कल नित्य क्रिया करके स्नान कर ले। 

नहाने के बाद सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, दिक्पति,  भूमि आकाश,  खेचर, अमर, और ब्रहादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर दिषा में मुख करके बैठे 

इसके बाद जल, फल, पुष्प, कुश और गंध ले कर ससंकल्प करे। 

अब मध्याहन के समय काळा तिल के जल से स्नान कर देवकीजी के लिए सूतिकागृह नियत करे। 

इसके बाद श्री कृष्ण जी की मूर्ती या चित्र स्थापित करे। 

मूर्ती में माता देवकी स्तनपात कराती हुई और माता लक्ष्मी उनके चरण स्पर्श किए हो ऐसे भाव हो  

इसके बाद विधि विधान से पूजा करे 

इसके बाद मंत्रो का उच्चारण करे।