अचार बनाने के बाद दो तीन दिन अचार को मलमल के कपड़े से ढक कर धूप में रखे ताकि अचार की नमी निकल जाये और अचार लम्बे समय तक खराब नहीं हो।
अचार के मसाले में नमी होने पर भी अचार जल्दी खराब हो सकते है इसीलिए मसालों को अचार बनाने से पहले थोड़ा भून लें या धूप में रखकर नमी निकाल दें।
अचार कई तरह से बनाए जाते है जैसे तेल वाले अचार , बिना तेल वाले अचार , मीठे अचार। कुछ अचार एक महीने के लिए बनते हैं तो कुछ अचार पूरे साल काम में लिए जाते है।
अचार में नमक प्रिजर्वेटिव का काम करता है। नमक की मात्रा कम होने पर भी अचार खराब हो सकते हैं।
तेल वाले अचार में अचार का तेल में डूबा रहना जरूरी होता है , छोटे कंटेनर में भी । इससे फंगस से बचाव होता है।
मीठा अचार बनाते समय अचार में पानी नही रहना चाहिए । यदि चाशनी वाला अचार बना रहे है तो चाशनी का एक तार जितना पकाना जरूरी होता है।
रोजाना काम में लेने के लिए अचार को बड़े कंटेनर से कांच के किसी छोटे कंटेनर में निकाल ले इससे अचार जल्दी खराब नहीं होते और काम में लेने में भी सुविधा रहती है।
अचार हमेशा तेल में डूबा रहना चाहिए। एक बार अचार निकलने के बाद बचे हुए अचार को वापस अच्छे से डुबो दें ताकि अचार के ऊपर तक तेल रहे और अचार तेल में डूबा रहे।
अचार को दो महीने में एक बार धूप में रखने से अचार जल्दी खराब नहीं होते हैं ।
अचार को खराब होने से बचाने के लिए इसमें सिरका मिला देने से जल्दी ख़राब नहीं होते लेकिन स्वाद थोड़ा बदल सकता है।