माह की प्रत्येक गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश जी की पूजा करने से सभी कामो में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत करके घर के नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जा सकता है।

गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी के पूरे परिवार शंकर जी पार्वती माता की पूजा अर्चना करने से विपदाएं दूर होती है।

गणेश चतुर्थी व्रत करने से सुख समृद्धि, वैभव यश कीर्ति  चारो और से सफलता देने वाला माना जाता है। 

यदि गणेश जी का आशीष पाना है तो गणेश चतुर्थी के दिन पूजन के समय गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाए और स्वंय भी सिंदूर का तिलक लगाए।

संष्टि गणेश चतुर्थी का व्रत हर सफलता देने वाला माना जाता है। 

गणेश चतुर्थी व्रत के पश्च्यात गणेश मंत्र ओम गणेशाय नमः का 108 बार उच्चारण करना चाहिए।

यदि गणेश चतुर्थी गुरूवार के दिन पड़ती है तो मृत्युदा होती है।

यदि गणेश चतुर्थी शनिवार के दिन पड़ती है तो सिद्धिदा होती है और चतुर्थी रिक्ता होने का दोष उस विशेष स्थिति में समाप्त हो जाता है। 

संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से संतान का सुख प्राप्त होता है।

जीवन में आने वाली संकट गणेश चतुर्थी का व्रत करने से दूर होते है। 

गणेश चतुर्थी का व्रत पूरी श्रद्धा से करने ज्ञान और बुद्धि आती है।

महापुराण में भाद्रमास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी को गणेश का जन्मदिन बताया गया है जबकि और गणेशपुराण के मत से शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन गणेश जी जन्मदिन माना जाता है।