यदि आप कभी तीर्थ यात्रा के लिए जाओ तो मुझे साथ लेकर जाओगे। कोई व्रत उपवास या धार्मिक कार्य करते समय मुझे साथ रखोगे। यदि ये वचन देते हो तो मैं आपके वाम अंग आना स्वीकार करती हूँ।
आप जिस तरह अपने माता पिता का सम्मान करते हैं , उसी तरह मेरे माता पिता का भी हमेशा सम्मान करेंगे तथा परिवार की मर्यादा का निर्वाह करते हुए ईश्वर की भक्ति और धर्म अनुष्ठान करते रहेंगे । यदि ये वचन देते हो तो मैं आपके वाम अंग आना स्वीकार करती हूँ।
मुझे वचन दें की जीवन की तीनो अवस्था ( युवावस्था , प्रौढ़ावस्था , वृद्धावस्था ) में मेरा पालन करेंगे तो मैं आपके वाम अंग आना स्वीकार करती हूँ।
अपने नए कुटुंब की सभी जरूरतों की पूर्ती का भार वहन करने की प्रतिज्ञा करें तो मैं आपके वाम अंग आना स्वीकार करती हूँ।
घरेलु काम काज , लेन देन , शादी ब्याह या अन्य घर खर्च से सम्बन्धित काम करते समय मुझसे भी मंत्रणा करने का वचन दें तो मैं आपके वाम अंग आना स्वीकार करती हूँ।
यदि मैं अपनी सखी सहेलियों के साथ हूँ तो उनके सामने आप मेरा किसी भी प्रकार का अपमान नहीं करेंगे। खुद को जुआ आदि दुर्व्यसन से दूर रखेंगे। ये वचन देते हो तो मैं आपके वाम अंग आना स्वीकार करती हूँ।
पराई स्त्री को माता के सामान समझेंगे और पति पत्नी के आपसी स्नेह के बीच किसी अन्य को नहीं लायेंगे तो मैं आपके वाम अंग आना स्वीकार करती हूँ।