एक चम्मच हल्दी को एक चम्मच पेट्रोलियम जेली के साथ मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को मल त्याग करने से कुछ समय पहले अपनी गुदा के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों पर अच्छे से लगा लें।
एक चम्मच देसी घी में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं। इसको अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें। इस मिश्रण को रात को सोने से पहले अपनी गुदा के अन्दर और बाहर लगा लें।
काले नमक में हल्दी का चूर्ण मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पिएं। बकरी के दूध में हल्दी और काला नमक मिलाकर पीने से भी बवासीर में लाभ होगा।
मूली को धोकर छील लें। अब इस पर हल्दी छिड़कर इसे दिन में दो-तीन बार खाएं।
बवासीर होने पर उसके उपचार के साथ इसका बचाव भी जरूरी है। रोजाना गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पिएं इससे के संक्रमण से बचाव होगा साथ ही अच्छी नींद भी आएगी।
टब मे गुनगुना पानी भरकर उसमें हल्दी डालें। इस पानी में निर्वस्त्र होकर आधे घंटे तक बैठें।
हल्दी, आक का दूध और शिरीष के बीजों को कूटकर बवासीर के मस्सों पर लगाएं। जलन और दर्द से आराम मिलेगा।
किसी साफ रुमाल में बर्फ का टुकड़ा लपेट कर अपनी गुदा पर कुछ देर के लिए लगाएं। इससे दर्द और सूजन में बेहद राहत मिलेगी।
हल्दी से इलाज के साथ अपने खान-पान का भी ध्यान रखें। खाने में पानी की मात्रा बढ़ाएं और फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें। दूध में ईसबगोल मिलाकर पिदएं।
काला नमक और हल्दी पाइल्स की समस्याओं से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकता है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड के अर्क में एंटी इचिंग गतिविधि भी पाई जाती है। इससे खुजली कम हो सकती है
आधे चम्मच एलोविरा जेल में एक चम्मच पिसी हल्दी मिलाएं। इसको अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। पेस्ट को सोने से पहले मलद्वार के अंदरूनी और बाहरी हिस्से पर लगाएं।